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Devī Pratimā Vigyān

By ANSHIKA, KM, Ms.

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Book Id: WPLBN0100750769
Format Type: PDF (eBook)
File Size: 13.74 MB.
Reproduction Date: 7/6/2025

Title: Devī Pratimā Vigyān  
Author: ANSHIKA, KM, Ms.
Volume:
Language: Hindi
Subject: Non Fiction, Education, Iconography
Collections: Authors Community, Archeology
Historic
Publication Date:
2025
Publisher: PRASHARAN SVM
Member Page: ANSHIKA TRIVEDI

Citation

APA MLA Chicago

Anshika, M. K. (2025). Devī Pratimā Vigyān. Retrieved from http://self.gutenberg.org/


Description
मैंने अपने मास्टर थीसिस को पूरा करने में बहुत प्रयास किए हैं, हालाँकि यह मेरे स्वयं के प्रयास से संभव नहीं होता मैं उन सभी को धन्यवाद करना चाहती हूं जिन्होंने मेरे इस कार्य में निस्वार्थ भाव से मेरी मदद की। लखनऊ विश्वविद्यालय के प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर पीयूष भार्गव की देखरेख में रहना मेरे लिए अत्यंत सम्मान एवं सौभाग्य की बात है। मैं उनके निरंतर मार्गदर्शन के लिए उनकी आभारी हूं, उनके विशाल ज्ञान को साझा करने की इच्छा ने मुझे मेरे इस कार्य को गहराई से समझने में मदद की जिससे मुझे निर्धारित समय पर कार्य पूर्ण करने में मदद मिली। मैं अपने माता-पिता और अपने मित्रों के प्रति उनके उदार सहयोग के लिए एवं प्रोत्साहन के लिए आभार व्यक्त करना चाहती हूं, जिन्होंने मेरे इस प्रयास को पूर्ण करने में अपनी स्वेच्छा से अपनी क्षमताओं के साथ मेरी मदद की।

Summary
मैंने अपने मास्टर थीसिस को पूरा करने में बहुत प्रयास किए हैं, हालाँकि यह मेरे स्वयं के प्रयास से संभव नहीं होता मैं उन सभी को धन्यवाद करना चाहती हूं जिन्होंने मेरे इस कार्य में निस्वार्थ भाव से मेरी मदद की। लखनऊ विश्वविद्यालय के प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर पीयूष भार्गव की देखरेख में रहना मेरे लिए अत्यंत सम्मान एवं सौभाग्य की बात है। मैं उनके निरंतर मार्गदर्शन के लिए उनकी आभारी हूं, उनके विशाल ज्ञान को साझा करने की इच्छा ने मुझे मेरे इस कार्य को गहराई से समझने में मदद की जिससे मुझे निर्धारित समय पर कार्य पूर्ण करने में मदद मिली। मैं अपने माता-पिता और अपने मित्रों के प्रति उनके उदार सहयोग के लिए एवं प्रोत्साहन के लिए आभार व्यक्त करना चाहती हूं, जिन्होंने मेरे इस प्रयास को पूर्ण करने में अपनी स्वेच्छा से अपनी क्षमताओं के साथ मेरी मदद की।

Table of Contents
चि त्रसूची 4 . 1. प्रस्तावना (प्राची न भा रत में शक्ति उपा सना एवं शा क्त संप्रदा य) 5-13. 2. देवी प्रति मा लक्षण (शक्ति प्रति मा ओं की सा मा न्य वि शेषता एं) 14-16. 3. आयुध, हस्त एवं पा द मुद्रा एं वा हन एवं वा द्य यंत्र 17-25. 4. लक्ष्मी 26-33. 5. महि षा सुरमर्दि नी 34-40. 6. सप्तमा तृका एं 41-50. 7. सरस्वती 51-57. 8. उपसंहा र 58-59. 9. संदर्भ ग्रन्थ सूची 60-61.

 
 



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